- योजना की जानकारी-
- आजीविका सहयोग योजना (डेफर्ड वेजेस योजना)
- 80:20 नाव-जाल अनुदान योजना
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
- गंभीर बीमारी के निदान हेतु अनुदान योजना
- शिक्षा प्रोत्साहन योजना
- निषादराज छात्रवृत्ति योजना
- मुखयमंत्री मीनाक्षी विवाह योजना
- प्रोत्साहन पुरस्कार योजना
- अनुग्रह योजना
जलदीप योजना
अनुगृह अनुदान योजना
मत्स्य महासंघ के जलाशयों में कार्यरत मछुओं की मृत्यु होने पर उसके परिवार के सदस्य को तत्काल आर्थिक सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है। योजना अन्तर्गत आश्रितों को अनुग्रह राशि के रूप में राशि रू. 7,500/- तत्काल उपलब्ध करायी जाती है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
महासंघ द्वारा उसके अधीनस्थ जलाद्गायों में कार्यरत मछुओं के लिये भारतीय जीवन बीमा निगम की प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना लागू की गई है। इस योजना में केवल उम्र 18-50 वर्ष के मछुआरें ही द्गाामिल होगे। आयु 18-50 वर्ष के बीच इस योजना के तहत मेम्बर का कव्हर रू.200000/-होगा। आयु 51-59 के बीच जनश्री बीमा योजना के अन्तर्गत मछुओं को सामान्य मृत्यु पर रू.30000/-,दुर्घटना होने पर रू.75000/-एवं अद्गाक्तता होने पर रू.37500/-मिलेगा जिसकी प्रीमियम रू. 171/मछुआ है जिसमें से राद्गिा रू.71/- भारतीय जीवन बीमा निगम एवं शेष राद्गिा रू. 100/- महासंघ द्वारा द्वारा मिलाये जाते हैं।
आजीविका सहयोग योजना
बंद}तु में मछुआ परिवार की आजीविका हेतु महासंघ द्वारा यह योजना चलाई जा रही है। एक मत्स्याखेट वर्ष में मछुओं द्वारा निकाली गई मछली के पारिश्रमिक से रू.4.00 प्रति किलो के मान से राशि काटी जाकर पृथक खाते में रखी जाती है महासंघ द्वारा उतनी ही राशि (रू.4.00 प्रति किलो के मान से) मिलायी जाकर उन्हें कुल उत्पादन पर राशि रू.8/किलो के मान से समिति के माध्यम से मछुआरों को बन्द }तु में एक या दो किश्तों में भुगतान की जाती है।
जलदीप योजना
मत्स्य महासंघ के अधीन बड़े-बड़े जलाशय है जिसमें मछुए मत्स्याखेट हेतु 9 माह तक जलाशय के अन्दर स्थित टापूओं/किनारों पर सपरिवार निवास करते है जिसमें बच्चे एवं गर्भवती महिलाएं भी होती है। टापूओं/किनारों पर अस्थाई रूप से रहने कारण उन्हें शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ उपलब्ध नही हो पाता था इस दृष्टि से महासंघ द्वारा ''जलदीप योजना'' आरंभ की है। जिसके अन्तर्गत मछुऐं एवं उनके परिवार के सदस्यों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ उनके कार्य स्थल पर उपलब्ध कराया जाता है। मछुआ एवं उनके परिवार के सदस्यों को जो मत्स्याखेट हेतु अस्थाई रूप से टापूओं एवं दूरस्थ आन्तरिक किनारों पर निवास करते है को शासन की विभिन्न योजनाओं (स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास,शिक्षा एवं आदिवासी विकास विभाग आदि) का लाभ उनके कार्य स्थल पर उपलब्ध कराया जाता है।
80:20 नाव जाल अनुदान योजना
महासंघ के जलाशयों में कार्यरत मछुआरे जिनके द्वारा न्यूनतम 100 दिवस तक मत्स्याखेट किया गया हो एवं राशि के अभाव में नाव एवं जाल क्रय करने में असमर्थ रहते है तथा मत्स्याखेट कार्य नहीं कर पाते है को 80 प्रतिशत अनुदान पर नाव क्रय हेतु राशि उपलब्ध कराना है ताकि वो अपनी आवश्यकता अनुसार नावों का क्रय /निर्मित कर अधिक से अधिक मत्स्योत्पादन कर सके तथा अपनी आय बढा सके। मछुआरों को नाव-जाल के लिये 80 प्रतिशत अनुदान राशि प्रतिवर्ष दी जाती है इसके अंतर्गत 1 वित्तीय वर्ष में 1 क्रियाशील मछुऐं को योजनांतर्गत प्राथमिकताओं एवं श्रेणी अनुसार 10/15 किलो जाल मूल्य रू. 6000/-, रू. 9000/- में अनुदान राशि रू. 4800/- या रू. 7200/- एवं 5 वर्ष में 2 मछुओं के बीच 1 नाव मूल्य 8000/-, 10,000/- एवं 12,000/- में 80 प्रतिशत अनुदान चयनित विकल्प अनुसार दी जाती है।
प्रोत्साहन पुरस्कार योजना
महासंघ के जलाशयों में कार्यरत उत्कृष्ठ समितियों एवं मछुआरों को प्रोत्साहित करने के उददेश्य से महासंघ द्वारा प्रोत्साहन पुरस्कार योजना आरंभ की गई है। योजना अंतर्गत उत्कृष्ठ समितियों को राशि रू.8000/- से लेकर अधिकतम राशि रू.50,000/- एवं उत्कृष्ठ मछुओं को राशि रू.5000/- से लेकर अधिकतम राशि रू.30,000/- तक का पुरस्कार दिया जाता है।
योजना अन्तर्गत ऐसी महिला मछुओं को भी पुरस्कृत किया जाता है जिनके द्वारा मत्स्योत्पादन क्षेत्र में उल्लेखनीय ᅠउपलब्धियां अर्जित की जाती है,या जिनके द्वारा मत्स्योत्पादन ᅠक्षेत्र में कोई साहसिक कार्य किया गया हो आदि। इस हेतु ᅠउन्हें 5,000 रू. नगद राशि, मोमेन्टो एवं प्रशास्ति पत्र दिया ᅠजाता है।
शिक्षा प्रोत्साहन योजना
जलाशयों में कार्यरत मछुआरों के शिक्षारत बच्चों को 8वीं, 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर रू. 2000/-, द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर रू. 1000/- का पुुरूस्कार दिया जाता है। 80 प्रतिशत से अधिक अंको से उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को विशेष पुरूस्कार के रूप में रू. 5000/- की राशि पुरूस्कार स्वरूप दी जाती है।
गंभीर बीमारी योजना
महासंघ द्वारा उसके जलाशय में कार्यरत मत्स्य समितियों के मछुआरों एवं उनके परिवार के सदस्यों को गंभीर बीमारी के इलाज हेतु सहायता राशि अनुदान स्वरूप उपलब्ध कराई जाती है। इस योजना में अतिगंभीर प्रकरणों जैसे हृदय, किडनी, लीवर आदि ट्रांसप्लांट, मेजर सर्जरी एवं कैंसर आदि रोगों के इलाज हेतु राशि रू.40,000/- की सहायता राशि मछुओं एवं उनके परिवार के सदस्यों को दी जाती है एवं गंभीर बीमारी जैसे हृदय किडनी रोग से संबंधित अन्य बीमारियॉ एवं माईनर एक्सीडेंटल सर्जरी आदि प्रकरणों में राशि रू.20,000/- तक की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
मुखयमंत्री मीनाक्षी विवाह योजना
महासंघ के जलाशयों में कार्यरत मत्स्य सहकारी समितियों की कार्यशील मछुआ सदस्यों की विवाह योग्य 2 कन्या के विवाह एवं विधवा/परित्यक्त्ता महिलाओं को एक बार पुनः विवाह के लिये राशि रू.
20,000/- की आर्थिक सहायता दी जाती है।
निषादराज छात्रवृत्ति योजना
महासंघ के जलाशयों में कार्यरत मछुआ परिवार के मेधावी छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा में अध्ययन जारी रखने के लिये प्रोत्साहित करने के उददेश्य से यह योजना प्रारंभ की गई है। तकनीकी शिक्षा जैसे मेडिकल, इंजीनियरिंग एवं क्लैट द्वारा लॉ कोर्सेस एवं समांतर पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने पर प्रत्येक विद्यार्थी को अधिकतम राशि रू.20,000/- या वास्तविक व्यय के मान से छात्रवृत्ति दी जाती है। गैर तकनीकी शिक्षा जैसे बी.ए., बी.एस.सी., बी.एफ.एफ.सी, बी.सी.ए., बी.कॉम, बी.एस.सी. एग्रीकल्चर लॉ आदि समांतर पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने पर अधिकतम राशि रू.10,000/- या वास्तविक व्यय जो भी कम हो, के मान से छात्रवृत्ति दी जाती है।